सुबह उसकी 13 वर्षीय बेटी नगीना कपड़े धोने नाले पर गई थी। ऊपरी इलाकों में हुई बारिश के कारण नाले में जलस्तर भी बढ़ा हुआ था और पानी का बहाव भी तेज था।


कपड़े धोते हुए अचानक नगीना का पांव फिसला और वह नाले गिर गई। वह खुद को संभाल नहीं पाई और पानी की तेज लहरों में बहने लगी। उसने मदद के लिए शोर मचाया।

इस बीच, अन्य जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किशोरी को नाले से बाहर निकाला। उन्होंने किशोरी को मौक पर प्राथमिक चिकित्सा भी उपलब्ध कराई और फिर उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया।

नाले से कुछ ही देरी पर सीआरपीएफ की 176वीं वाहिनी का शिविर भी है। जवानों ने जब किशोरी को बहते देखा तो तुरंत उसकी मदद को दौड़े।


दो जवानों एमजी नायडू और एन उपेंद्रां ने नाले में छलांग लगा दी। 

खानाबदोश गुज्जर समुदाय के मोहम्मद शरीफ दीन अपने परिजनों और माल मवेशी के साथ साथ इन दिनों चनपोरा, कुंजर में डेरा डाले हुए हैं।

सीआरपीएफ के जवानों ने सोमवार को उत्तरी कश्मीर के कुंजर, बारामुला में अपनी जान की परवाह किए बगैर फिरोजपोरा नाले में बह रही एक किशोरी को बचा लिया।


सीआरपीएफ के जवानों ने लड़की को नाले से निकालने के बाद प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की और उसके बाद उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया।

नगीना को जिंदा पाकर उसके परिजनों ने राहत की सांस ली। उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों के प्रति अपना आभार भी जताया।


उसके पिता शरीफ दीन ने कहा कि मुझे लगा कि आज मेरी बेटी का जिंदगी का अंतिम समय आ गया है।

सलाम-सीआरपीएफ के जवानों ने कश्मीर के बारामुला में ने किशोरी को डूबने से बचाया