यही वजह है कि 2018 में ही आरसीए से कोचिंग पाने वालों में से 43 उम्मीदवार यूपीएससी सिवल सेवा परीक्षाओं में कामयाब हुए थे।  

जामिया की इस एकेडमी में 24 घंटे एयर कंडीशंड लाइब्रेरी सेवाएं और मुफ्त वाई-फाई मुहैया कराती है।

अकादमी के लिए चुने गए छात्रों को हॉस्टल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है। 


जामिया के मीडिया संयोजक अहमद अजीम बताते हैं कि कोचिंग में पढ़ने वालों की आर्थिक मदद भी की जाती है।  

जामिया मिलिया इस्लामिया का सुपर-30, जहां फ्री कोचिंग पाकर बनते हैं IAS

जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली की एक ऐसी केंद्रीय यूनिवर्सिटी है जो अपनी रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी के लिए भी पहचानी जाती है।


बीते 18 साल से ये कोचिंग गरीब तबके के होनहार 150 बच्चों को हर साल मुफ्त तैयारी कराकर आईएएस की परीक्षा पास करा चुकी है।  

गौरतलब है कि साल 2018 की सिवल सेवा परीक्षाओं में यहां से कोचिंग पाने वाले जुनैद अहमद तीसरे नंबर के टापर रहे। 


यहां जामिया की फैकल्टी तो पढ़ाती ही हैं, साथ में विभिन्न मंत्रालयों के सीनियर आईएएस भी आकर तैयारी कर रहे छात्रों को यूपीएससी क्रैक करने का गुर देते हैं।  

आरसीए, बहुआयामी कोचिंग और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम पर खास जोर देती है।


इसमें प्रिलिम्स, मेन परीक्षाओं और इंटरव्यू आदि की तैयारी के लिए कई दौर के तैयारी कार्यक्रम चलाए जाते हैं।  

अगर कोई भी उम्मीदवार यहां एडमिशन लेना चाहता है तो वो www.jmi.ac.in पर जाकर जानकारी हासिल कर सकता है।


वेबसाइट के सेंटर फॉर कोचिंग एंड करियर प्लानिंग सेक्शन में इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को लोक सेवाओं की परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी के लिए सेवाएं मुहैया कराने के लिए साल 2010 में आरसीए का गठन किया था।  

साल 2018 में देश के तीसरे नंबर के यूपीएससी टॉपर जुनैद अहमद भी इसी कोचिंग की देन हैं। इस रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (आरसीए) में यूपीएससी सिविल सर्विसेज़-2020 की परीक्षाओं की कोचिंग के लिए इस साल 13129 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।