ज़कात फाउंडेशन के सहयोग से यूपीएससी की तैयारी करने वाले जुनैद अहमद ने आल इंडिया में तीसरी रैंक पाई है, इस बार कुल 28 मुस्लिमों ने अपनी कामयाबी का परचम लहराया है।  

जुनैद ने बताया, दसवीं और 12वीं की परीक्षा में मेरे 60 फीसदी  नंबर आए थे। 12वीं के बाद स्नातक की पढ़ाई प्राइवेट विश्वविद्यालय से की।


इसमें भी मेरे 65 फीसदी तक ही नंबर आए थे। कॉलेज से निकलकर सेाचा कि अगर समाज को कुछ देना हो तो आइएएस से बेहतर कुछ नहीं होता। 

मुस्लिम दोस्तो को अक्सर कहता रहता हूँ कि क़ुरान की हिदायतों पर गौर फरमाया करो। ईमान को पायजामे की लंबाई से नही अमल से ज़िंदगी का हिस्सा बनाओ।

पालने से कब्र तक इल्म की आवाज़ कानो में आती रहनी चाहिए।

इल्म हासिल करो, बेशक़ इसके लिए तुम्हे चीन भी जाना पड़े।


जुनैद को हार्दिक शुभकामनाएं एवम मुबारक

सामान्य से वकील का बेटा "जुनैद"आईएएस के 2019 के रिजल्ट में तीसरे नम्बर पर आया है

धामपुर नगीना, यूपी का एक छोटा सा शहर या कस्बा है। सामान्य से वकील का बेटा "जुनैद"आईएएस के 2019 के रिजल्ट में तीसरे नम्बर पर आया है।


दो बहनों में से एक प्राइवेट सर्विस करती हैं, छोटा भाई 12वी में पढ़ता है। माँ घर संभालती है।

जब घरवालों को बताया उन्हें इकबारगी यकीन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इरादा तो बहुत अच्छा है लेकिन तुम पढ़ते नहीं हो। लेकिन मैंने उसके बाद खुद को पढ़ाई में ही झोंक दिया।


वर्ष 2013 से तैयारी शुरू की तो घरवाले भी मेरी लगन देखकर मेरा सहयोग करने  लगे। पिछले चार साल से तैयारी कर रहा हूं। बीते साल 2018 में मेरा आईआरएस में चयन हो गया था।

27 साल के जुनैद कहते हैं कि मैं खानदान में पहला आईएएस बना हूं। मेरे पिता जावेद हुसैन जो पेशे से वकील हैं और मां आयश रजा आज मेरी कामयाबी का जश्न मना रहे हैं। मैं उन्हें देखकर बहुत खुश हूं, लग रहा है कि मेरा ख्वाब पूरा हो गया है।


मेरी दो बहनें एक बड़ी महविश की शादी हो गई है और छोटी बहन हादिया प्राइवेट जॉब कर रही हैं। देानों ही बहनें मुझ पर गर्व कर रही हैं। छोटा भाई अरहान 12वीं में है, वो भी नगीना में पढ़ता है।