मुसलमानों को इधर- उधर भटकने के बजाए क़ुरआन से रिश्ता जोड़ना चाहिए- उलेमा ए कराम
सदारत जामिया के मोहतमिम मौलाना हाशिम ने की। निजामत मौलाना आरिफ ने की। तलबाओं को इनामत से नवाजा गया और मुल्क की तरक्की, खुशहाली और कौम की इज्जत आबरू की हिफाजत के लिए दुआ भी कराई गई।
शेखुल हदीस मौलाना मुफ़्ती अब्बास बिस्मिल्लाह कासमी ने कहा कि कुरान ने आलम ए इंसानियत में एक अजीब इंकलाब पैदा किया और इंसान को गुमराही की दलदल से निकाल कर उसका रिश्ता उसके खालिक व मालिक ए हकीकी से जोड़ा।
आज भी कुरान की पैरवी ही मुसलमान को पस्ती से निकाल सकती है। मुफ़्ती कारी युनुस ने तिलावत और सुफियान फलाही ने नात पेश की। जामिया के नाजिम मौलाना मो आसिफ नदवी ने मुआशरे को इस्लामी बनाने पर जोर देते हुए सुन्नत ए नबवी को जिंदा करने और कुरान और हदीस की रोशनी में जिंदगी गुजारने का आह्वान किया।
कारी बिस्मिल्लाह ने कहा कि कुरान में हर मसले का हल और हर मुश्किल से निजात हासिल करने का तरीका मौजूद है।
शेखुलहदीस मौलाना हबीबुल्लाह, मौलाना इश्तियाक, मौलाना हारून, मौलाना युनुस, मौलाना अजीम शाह, मौलाना नाजिम कासमी, हाजी फजलुर्रहमान, मुफ़्ती अब्दुल खालिक, मुफ़्ती अताउर्रहमान जमील कासमी, मौलाना उस्मान, अब्दुल मतीन, डॉ जमशेद, मौलाना अल्ताफ, मौलाना रियाजुद्दीन हक्कानी, मौलाना आजम, कारी इसरार, हाफिज फुरकान, हाफिज मोहतरम, कारी शमशाद, मौलाना जुल्फक्कार, मौलाना इफ्तखार, मौलाना तहसीन, हाफिज इरशाद, मौलाना अमजद व कारी अंसार आदि मौजूद रहे।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि मुसलमान को इधर उधर भटकने के बजाए कुरान से रिश्ता जोड़ना चाहिए।
उन्होंने हुफ्फाज ए कुरान व बुखारी शरीफ पूरी करने वाले 144 तलबाओं की दस्तारबंदी कराते हुए उनसे कुरान की तालीमात को दुनिया के सामने पेश करने का आह्वान भी किया।
मदरसा जामियतुल किरात कफ्लेता गुजरात के मोहतमिम कारी इस्माईल बिस्मिल्लाह ने कहा है कि मुसलमान कुरान से अपना रिश्ता जोड़ें और खुद अमल करने के साथ ही इसकी तालीमात को दुनिया के सामने पेश करें।
रविवार को मदरसा जामिया काशिफुल उलूम में खत्म ए कलामुल्लाह और खत्म ए बुखारी शरीफ के मौके पर उन्होंने इजलास को ख़िताब किया।