गांव के प्रधान का दावा है कि बीजेपी भले ही सेना वालों की बातें करती रहती है, लेकिन वीर चक्र विजेता ज्ञान चंद के इस गांव में अभी तक उनके स्मारक के लिए जगह नहीं तय हो पाई है। तेज सिंह ने बताया, ‘1971 की जंग में उनकी बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया था।
कचहैड़ा में करीब 4500 मतदाता हैं जिन्होंने 2014 में शर्मा के पक्ष में मतदान किया था। गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र से 2009 में बीएसपी के सुरेंद्र नागर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वहीं, महेश शर्मा ने बताया कि गांव में आंदोलन राजनीतिक कारणों से हो रहा है।
गांव कचहैड़ा-मोदी के मंत्री ने लिया था गांव गोद, अब भाजपा वालों के लिए लगा ‘नो एंट्री’ का बोर्ड
शर्मा ने कहा, ‘वहां विकास धीमा है, फिर भी काफी काम किया गया है।’ स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने 2010 में अपनी जमीन एक निजी बिल्डर को बेच दी थी और उन्हें मुआवजा मिला था।
उनसे वादा किया गया था कि सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सामुदायिक केंद्र, एक डिग्री कॉलेज, खेल का मैदान और सुविधाओं से युक्त श्मशान घाट का निर्माण किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के गोद लिए गांव कचहैड़ा के ग्रामीणों ने गांव में बीजेपी वालों की एंट्री को बैन कर दिया है। इस गांव में पिछले साल अक्टूबर में एक बोर्ड लगाया गया, जिस पर लिखा था, ‘बीजेपी वालों का आना सख्त मना है।’
दरअसल, जमीन अधिग्रहण को लेकर गांववालों में काफी गुस्सा था, जिसके बाद यह बोर्ड लगवाया गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि 11 अप्रैल को मतदान से पहले यह चुनावी मुद्दा बन सकता है।