गुजरात में कोई मुसलमान लोकसभा सांसद आखिरी बार 1984 में पहुंचा था, उसके बाद कोई भी मुसलमान लोकसभा से संसद में नहीं पहुंचा।
हालांकि गुजरात में मुसलमानों की आबादी 9.5 फीसदी है।
गुजरात ने आखिरी बार जिस मुसलमान सांसद को लोकसभा भेजा था, वह कांग्रेस के अहमद पटेल थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर में अहमद पटेल 1984 में भरुच से जीते थे।
1989 के चुनाव में वह भरुच सीट भाजपा के चंदू देशमुख के हाथों हार गए। उसके बाद से कई लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, मगर गुजरात से एक भी मुसलमान उम्मीदवार निर्वाचित होकर लोकसभा नहीं पहुंच सका है।
2014 के चुनावों तक का इतिहास देखें तो राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस ने महज 15 मुसलमान उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था, बीजेपी ने एक भी मुसलमान उम्मीदवार को कभी टिकट ही नहीं दिया।
इस बार भी कांग्रेस ने सिर्फ एक मुसलमान उम्मीदवार को भरुच से टिकट दिया है।
1962 में हुए लोकसभा चुनाव में गुजरात के बनासकांठा से जोहरा चावड़ा चुनी गईं, उसके बाद 1977 के चुनाव में दो मुसलमान उम्मीदवार अहमद पटेल भरुच से और अहमदाबाद से एहसान जाफरी लोकसभा पहुंचे।
1977 के चुनाव में पहली और आखिरी बार सबसे ज्यादा दो मुसलमान सांसद लोकसभा पहुंचे।
गुजरात में मुसलमानों की आबादी 9.5 फीसदी होने के बावजूद 30 सालों से मुसलमान सांसद नहीं