मुबारकबाद- महज़ 22 साल की उम्र में जज बने इलाहबाद के शाहनवाज सिद्दीकी

शाहनवाज़ जैसे नौजवानों की कामयाबी ये इशारा दे रही हे कि मुसलमान अब तालीम के लिए जागरूक हो रहे हैं और आने वाले वक़्त में ऐसी और बहुत मिसालें देखने को मिल सकती हैं।  

हम दुआ करते है ये कामयाबी कौम के लिए एक शुरुआत साबित हो और मुस्लिम नौजवान पेंचर लगानी वाली क़ौम का ताना मारने वालो को जवाब दें। आमीन।  

शाहनवाज़ की शुरुआती शिक्षा इलाहबाद शहर के बेहद सुदूर इलाके में बने विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल झलवा में हुई। यहां उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की।


इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीए एलएलबी पढ़ाई की और उसी दौरान सिविल जज परीक्षा में बैठने का लक्ष्य बना लिया।

शहनवाज के वालिद इम्तियाज अहमद इलाहाबाद हाईकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात हैं।


पिता ही शहनवाज के प्रेरणास्रोत रहे और उनके ही दिशा निर्देशन में उन्होंने कानून की पढ़ाई की और जज बने हैं।


शाहनवाज की मां बिलकिस बानो गृहणी हैं और बेटे को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती रही हैं।

अक्सर देखने और सुनने में आता है कि मुस्लिम कौम तालीम में पीछे रह गयी है और लोग पेंचर लगाने वाली क़ौम का ताना भी देते रहते हैं। 

मगर दिल को सुकून और हिम्मत देने वाली एक मिसाल इस बार उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा में देखने को मिली है। 
उत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा में 22 वर्षीय शहनवाज सिद्दीकी ने कामयाबी हासिल की है।

इलाहाबाद शहर के शहनवाज सिद्दीकी ने ये कामयाबी हासिल कर कौम के नौजवानो के लिए एक मिसाल कायम की है। 

अल्लाह ने उनको महज़ 22 साल की उम्र में ये कामयाबी अता की जो आने वाली नस्लों के लिए हिम्मत का स्रोत बन सकती है।