वाहिद शेख ने लॉ की डिग्री पूरी कर ली है लेकिन वो सरकारी स्कूल में शिक्षक है और बार कमीशन ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक इस वजह से वो वकालत नहीं कर सकते हैं।
इस किताब लिखने के पीछे शेख ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक और मेरा अनुभव, अन्य निर्दोष लोगों की मदद करेंगे, जिन्हें बिना किसी कारण के जेल में बंद कर किया गया है।”
आतंक के इल्ज़ाम से बरी हुए वाहिद शेख ने जेल के तजुर्बो पर लिखी किताब
2006 मुंबई आतंकी विस्फोट मामले में वाहिद शेख आरोपी थे लेकिन ट्रायल के बाद 2015 में उन्हें बरी कर दिया गया था। वहीं बरी होने के बाद वाहिद ने फिर से बतौर शिक्षक पढ़ना शुरू कर दिया औऱ साथ ही लॉ की डिग्री प्राप्त की।
हाल ही में, दिल्ली के एक प्रकाशक ने दो भाषाओं – हिंदी और उर्दू में पुस्तक निकाली। अब तक पुस्तक की एक हजार प्रतियां पहले ही बेची जा चुकी हैं।
इस किताब लिखने के पीछे शेख ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक और मेरा अनुभव, अन्य निर्दोष लोगों की मदद करेंगे, जिन्हें बिना किसी कारण के जेल में बंद कर किया गया है’।
वाहिद बताते हैं कि जेल में ही उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी थी चूकिं उन्हें लगा कि उन्हें अपना केस लड़ने में इससे मदद मिल सकेगी।
वहीं बाद में उन्हें एलएलबी की डिग्री भी मिल गई। डिग्री मिलने के बाद वाहिद ने फैसला किया है कि वो अब उन सभी को मुफ्त कानूनी सलाह देंगे जिसे इसके जरूरत होगी।